Wednesday, 20 March 2024

PM SURY GHAR : पीएम सूर्य घर - मुफ्त बिजली स्‍कीम - FREE ELECTRICITY SCHEME

 PM SURY GHAR:पीएम सूर्य घर - मुफ्त बिजली स्‍कीम - FREE ELECTRICITY SCHEME 

https://alliswell24.blogspot.com/2024/03/pm-sury-ghar-free-electricity-scheme.html

योजना का उद्देश्य:

  • बिजली बिलों को कम करना
  • स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना
  • ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करना
  • कार्बन उत्सर्जन को कम करना

मुख्य विशेषताएं:

  • योजना के तहत, सरकार घरों को सोलर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी प्रदान करती है।
  • लाभार्थी को 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिलेगी।
  • सब्सिडी की राशि 40% तक हो सकती है, जो कि ₹40,000 तक हो सकती है।
  • योजना के तहत, 2024 तक 1 करोड़ घरों को सोलर पैनल से लैस करने का लक्ष्य रखा गया है।

पात्रता:

  • योजना का लाभ उठाने के लिए, घर का स्वामित्व आवेदक के नाम पर होना चाहिए।
  • घर की छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए।
  • आवेदक की वार्षिक आय ₹3 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।

आवेदन कैसे करें:

  • योजना के लिए आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से किए जा सकते हैं।
  • ऑफलाइन आवेदन के लिए, आप अपने नजदीकी नोडल एजेंसी से संपर्क कर सकते हैं।

आवश्यक दस्तावेज:

  • पहचान प्रमाण
  • पते का प्रमाण
  • आय प्रमाण
  • घर के स्वामित्व का प्रमाण
  • छत की तस्वीर

योजना के लाभ:

  • बिजली बिलों में कमी
  • स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग
  • ऊर्जा सुरक्षा में वृद्धि
  • कार्बन उत्सर्जन में कमी
  • पर्यावरण संरक्षण

नोट:

  • योजना के नियम और शर्तें समय-समय पर बदल सकती हैं।
  • योजना के बारे में नवीनतम जानकारी के लिए, कृपया

यह भी ध्यान रखें:

  • योजना के तहत सब्सिडी सीमित समय के लिए उपलब्ध है।
  • योजना का लाभ उठाने के लिए, आपको जल्द से जल्द आवेदन करना चाहिए।

 

क्या है रजिस्ट्रेशन का तरीका?

https://alliswell24.blogspot.com/2024/03/pm-sury-ghar-free-electricity-scheme.html

 ऑनलाइन:

  1. https://pmsuryaghar.gov.in/ पर जाएं।
  2. "रजिस्टर" बटन पर क्लिक करें।
  3. आवश्यक जानकारी भरें, जैसे कि:
    • नाम
    • पता
    • मोबाइल नंबर
    • ईमेल
    • बिजली बिल नंबर
    • बैंक खाता विवरण
  1. आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
  2. "सबमिट" बटन पर क्लिक करें।

ऑफलाइन:

  1. अपने नजदीकी नोडल एजेंसी से संपर्क करें।
  2. रजिस्ट्रेशन फॉर्म प्राप्त करें।
  3. आवश्यक जानकारी भरें।
  4. आवश्यक दस्तावेज जमा करें।
  5. फॉर्म जमा करें।

आवश्यक दस्तावेज:

  • पहचान प्रमाण
  • पते का प्रमाण
  • आय प्रमाण
  • घर के स्वामित्व का प्रमाण
  • छत की तस्वीर

रजिस्ट्रेशन शुल्क:

  • रजिस्ट्रेशन शुल्क ₹100 है।

रजिस्ट्रेशन की स्थिति:

  • आप अपनी रजिस्ट्रेशन स्थिति को वेबसाइट या नोडल एजेंसी से संपर्क करके चेक कर सकते हैं।

अधिक जानकारी के लिए:

 

कौन ले सकता है लाभ?

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का लाभ निम्नलिखित लोग ले सकते हैं:

  • भारतीय नागरिक
  • जिनके घर की छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए पर्याप्त जगह हो
  • जिनकी वार्षिक आय ₹3 लाख से अधिक नहीं हो
  • जिनके पास वैध बिजली कनेक्शन हो
  • जिनका घर किसी अन्य सोलर पैनल योजना से लाभान्वित न हो

अतिरिक्त पात्रता:

  • अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए आय सीमा ₹5 लाख तक बढ़ाई जाती है।
  • बीपीएल परिवारों को 40% तक की अतिरिक्त सब्सिडी मिलेगी।
  • विकलांग व्यक्तियों को 30% तक की अतिरिक्त सब्सिडी मिलेगी।

यह योजना उन लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जो:

  • उच्च बिजली बिलों का भुगतान करते हैं
  • स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग करना चाहते हैं
  • पर्यावरण को बचाने में योगदान देना चाहते हैं

योजना के तहत, लाभार्थियों को 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिलेगी। यदि वे 300 यूनिट से अधिक बिजली का उपयोग करते हैं, तो उन्हें शेष बिजली के लिए भुगतान करना होगा।

 

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Sunday, 17 March 2024

E-way Bill: क्या होता हैं - इसके क्या फायदे है ?


ई-वे बिल, जिसे Electronic Way Bill ( इलेक्ट्रॉनिक वे बिल ) भी कहा जाता है, भारत में माल की आवाजाही से जुड़ा एक दस्तावेज है. यह Goods and Services Tax (GST) व्यवस्था के तहत लागू किया गया था.

E-way बिल क्या है?

₹50,000 से अधिक मूल्य के सामानों को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने के लिए ई-वे बिल जरूरी होता है. इसे GST पोर्टल पर ऑनलाइन बनाया जाता है. ई-वे बिल माल की आवाजाही को ट्रैक करने और कर चोरी को रोकने में मदद करता है. साथ ही, यह व्यवसायों को इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा करने में भी सक्षम बनाता है, जो उनके द्वारा भुगतान किए गए करों को कम करता है.

E-Way  बिल हिस्ट्री कैसे चेक करें?

आप GST पोर्टल पर जाकर अपने ई-वे बिल का इतिहास देख सकते हैं. इसके लिए आपके पास लॉगिन करने की जानकारी होनी चाहिए. लॉग इन करने के बाद, आपको "रिपोर्ट" अनुभाग मिलेगा. इस अनुभाग में, आप एक विशिष्ट तिथि सीमा के लिए ई-वे बिल की रिपोर्ट डाउनलोड कर सकते हैं. आप ई-वे बिल नंबर, माल का विवरण, या आपूर्तिकर्ता और प्राप्तकर्ता के नाम जैसे विशिष्ट मानदंडों के आधार पर भी रिपोर्ट को फ़िल्टर कर सकते हैं.

E-Way बिल हिस्ट्री के क्या फायदे हैं?

ई-वे बिल हिस्ट्री को बनाए रखने के कई फायदे हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • आप पुराने शिपमेंट का ट्रैक रख सकते हैं. ई-वे बिल हिस्ट्री आपको यह देखने की अनुमति देता है कि अतीत में कौन से सामान भेजे गए थे, उनकी मात्रा क्या थी, और उन्हें किसको भेजा गया था. यह पुराने ऑर्डर को ट्रैक करने और किसी भी समस्या का समाधान करने में मददगार हो सकता है.
  • आप किसी विशेष समयावधि में भेजे गए सामानों का विवरण देख सकते हैं. आप एक विशिष्ट तिथि सीमा के लिए ई-वे बिल की रिपोर्ट डाउनलोड कर सकते हैं. इससे आपको यह विश्लेषण करने में मदद मिलती है कि किसी विशेष अवधि में आपने कितना सामान भेजा है और किन राज्यों को भेजा है.
  • आप किसी भी कर संबंधी विसंगतियों को पहचानने में सहायता कर सकते हैं. ई-वे बिल हिस्ट्री आपको यह जांचने में मदद कर सकती है कि सभी ई-वे बिलों के लिए कर का सही ढंग से भुगतान किया गया है या नहीं. यह किसी भी कर संबंधी विसंगतियों को पहचानने और उन्हें जल्दी से ठीक करने में मदद करता है.
  • इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा करना आसान. ई-वे बिल हिस्ट्री यह सुनिश्चित करती है कि आपके पास उन सभी सामानों का रिकॉर्ड है जिनके लिए आपने ITC का दावा किया है. यह दावा प्रक्रिया को सु streamlined करता है और कर प्राधिकरणों के साथ किसी भी विवाद को कम करता है.

कुल मिलाकर, ई-वे बिल हिस्ट्री बनाए रखना किसी भी व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण है जो नियमित रूप से माल की आवाजाही करता है. यह आपकी आपूर्ति श्रृंखला को ट्रैक करने, कर अनुपालन सुनिश्चित करने और इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने में सहायता करता है.

 

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Saturday, 16 March 2024

Income 💶 TAX Slab - इनकम टैक्स स्लैब - In India - Assesment Year ( 2024-25 )

भारत में आयकर स्लैब प्रणाली के तहत काम करता है, जहां आय के दायरे के अनुसार कर की दरें लागू होती हैं. व्यक्तिगत रूप से दाखिल करने के लिए दो मुख्य विकल्प हैं: पुरानी कर व्यवस्था और नई कर व्यवस्था. हर एक व्यवस्था के अपने फायदे और नुकसान हैं.

पुरानी कर व्यवस्था बनाम नई कर व्यवस्था

  • पुरानी कर व्यवस्था: यह व्यवस्था विभिन्न कटौतियों और छूटों की अनुमति देती है जो आपकी कर योग्य आय को काफी कम कर सकती हैं. ये कटौतियां निवेश, चिकित्सा खर्च, आवास ऋण ब्याज आदि के लिए हो सकती हैं. हालांकि, पुरानी व्यवस्था में जटिल कर दाखिल करने की प्रक्रिया भी शामिल है.

  • नई कर व्यवस्था: यह व्यवस्था पुरानी व्यवस्था के तुलना में कम कटौती और छूट के साथ सरल कर दाखिल करने की पेशकश करती है. इसका फायदा सुव्यवस्थित फाइलिंग प्रक्रिया में है, लेकिन यह सभी के लिए सबसे अधिक कर-कुशल विकल्प नहीं हो सकता है.

आयकर स्लैब (वित्त वर्ष 2023-24, निर्धारण वर्ष 2024-25)

चुनी गई व्यवस्था और आपकी आयु के आधार पर लागू आयकर स्लैब अलग-अलग होते हैं. यहां 60 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों और अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के लिए एक विवरण दिया गया है:

पुरानी कर व्यवस्था

आय स्लैबकर की दर
₹2,50,000 तकशून्य
₹2,50,001 - ₹5,00,0005%
₹5,00,001 - ₹10,00,00020%
₹10,00,001 और उससे अधिक30%

नई कर व्यवस्था।
आय स्लैब 
₹2,50,000 तकशून्य
₹2,50,001 - ₹5,00,0005%
₹5,00,001 - ₹7,50,00010%
₹7,50,001 - ₹10,00,00015%
₹10,00,001 और उससे अधिक30%
  • धारा 87A के तहत कर छूट: यह धारा एक कर छूट प्रदान करती है जो आपकी कुल आय एक निश्चित सीमा से कम होने पर (पुरानी व्यवस्था के लिए ₹5 लाख और नई व्यवस्था के लिए ₹7 लाख, बजट 2023 के अनुसार) आपके कर दायित्व को और कम कर सकती है.

  • अधिभार और उपकर: आयकर के अतिरिक्त, अधिभार और उपकर लागू होते हैं. अधिभार राशि आपकी आय के दायरे पर निर्भर करती है, जबकि स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर आयकर + अधिभार पर एक निर्धारित 4% है.

  • वरिष्ठ नागरिक: 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों (वरिष्ठ नागरिकों) के लिए अलग-अलग कर स्लैब और छूट हैं. उन्हें युवा व्यक्तियों की तुलना में उच्च मूलभूत छूट सीमा का लाभ मिलता है.

सही कर व्यवस्था का चुनाव आपकी व्यक्तिगत परिस्थितियों पर निर्भर करता है, जिसमें आपकी आय का स्तर, निवेश और दावा किए गए कटौती शामिल हैं. एक कर सलाहकार से परामर्श लेने से आपको अपनी स्थिति के लिए सबसे अधिक कर-कुशल विकल्प निर्धारित करने में मदद मिल सकती है और यह सुनिश्चित हो सकता है कि आप सभी लागू लाभों और कटौतियों का लाभ उठाएं.

अधिक जानकारी और आधिकारिक अपडेट के लिए, आयकर विभाग की वेबसाइट देखें: [https://incometaxindia.gov.in/Pages/default.aspx]


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Friday, 15 March 2024

Electroral Bond Details: Curent स्टेटस क्या है ?

Electoral Bond In India 

(भारत में इलेक्टोरल बॉन्ड)

इलेक्टोरल बॉन्ड भारत सरकार द्वारा 2017 में राजनीतिक दलों को गुमनाम दान (gumnaam daan) की सुविधा देने के लिए शुरू किया गया एक वित्तीय साधन था। इस कार्यक्रम का लक्ष्य नकद दान (charity money) को खत्म करके राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता (transparency) बढ़ाना था. हालांकि, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने फरवरी 2024 में इस योजना को असंवैधानिक माना, गुमनामी को पारदर्शिता आवश्यकताओं  का उल्लंघन बताते हुए इसे रद्द कर दिया.



मुख्य बिंदु (Mukhya बिंदु):

  • 2017-18 के केंद्रीय बजट  में पेश किया गया.
  • भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा 1,000 रुपये और उससे अधिक के मूल्यवर्ग में जारी किया गया.
  • अस्पष्ट नकद दान को रोकने के लिए बनाया गया.
  • राजनीतिक दल एक निर्धारित समय सीमा के भीतर नामित खातों (Designated Accounts) के माध्यम से बॉन्ड को भुना सकते थे.
  • दानदाताओं की पहचान गोपनीय (Secret) रही.


हालिया घटनाक्रम ( Recent Development):

  • फरवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले ने गुमनामी संबंधी चिंताओं के कारण इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक घोषित कर दिया.
  • अदालत ने चुनाव आयोग (ECI) को सभी इलेक्टोरल बॉन्ड लेनदेन का विवरण प्रकट करने का आदेश दिया.
  • चुनाव आयोग ने 12 मार्च, 2024 को 1 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 के बीच खरीदे गए बॉन्डों की जानकारी का खुलासा करते हुए डेटा प्रकाशित किया.
  • रिपोर्ट के अनुसार, डेटा में दानदाता विवरण, दान की गई राशि और प्राप्तकर्ता राजनीतिक दल शामिल थे.




वर्तमान स्थिति (Current Status ):

  • इलेक्टोरल बॉन्ड अब राजनीतिक दान का वैध रूप नहीं हैं.
  • अतीत के चुनावी बॉन्ड लेनदेन के संभावित खुलासे के लिए आप चुनाव आयोग की वेबसाइट देख सकते हैं, हालांकि उनकी निरंतर उपलब्धता अनिश्चित है|



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