Wednesday 28 December 2016

Proverb of the week

A coward dies a thousand times before his death. (कायर आदमी अपनी मौत से पहले हज़ारों बार मरता है।)

यह proverb सबसे पहले Shakespeare द्वारा उनके play (नाटक) Julius Caesar में प्रयॊग किया गया था। कायर वह व्यक्ति है जो खतरों से डरता है और इससे दूर भागता है। डरपोक व्यक्ति को अक्सर मरने का डर रहता है, इसलिए वे हमेशा कुछ भी करने से डरते हैं। जब भी किसी खतरे का अहसास होता है, वे सामना किये बिना उस स्थिति से भागते हैं। यह भी नहीं जानने की कोशिश करते हैं कि सच में कोई मुश्किल थीं या नहीं।

इस proverb में death (मृत्यु) एक रूपक है। व्यक्ति सच में नहीं मरता बल्कि यह एक मानसिक (mentally) और भावनात्मक (emotionally) स्थिति है। जब भी वह इस डर को अपने ऊपर हावी होने देता है, मुश्किलों से भागता है, उसकी अंतरात्मा मरती है। वह मुश्किलों का सामना करने की ताकत को खो देता है। डरपोक व्यक्ति हार और डर में जीते हैं। डर के जीने को जीना नहीं कहते, यह मारने के समान ही है। डर के जीने में कोई आनंद नहीं है। कायर सदैव डर की दुनिया में रहता है और इसका परिणाम अनियमितता हो सकता है। The difference in one who fears and one who is brave is the difference between truly living and dying.

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