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Sunday 18 February 2024

Central-State -Government Schems-यूपी किसान कल्याण मिशन - UP Farmers Welfare Mission - किसानों के कल्याण के लिए योजनाएं

  

किसानों के कल्याण के लिए योजनाएं

यूपी किसान कल्याण मिशन 

(UP Farmers Welfare Mission)

यूपी किसान कल्याण मिशन : एक नज़र

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 6 जनवरी 2023 को शुरू किया गया यूपी किसान कल्याण मिशन का उद्देश्य कृषि और कृषि-आधारित गतिविधियों के माध्यम से किसानों की आय दोगुनी करना है।

इस मिशन के मुख्य घटक:

  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan): इस योजना के तहत, प्रत्येक वर्ष ₹6,000 की तीन किश्तों में ₹2,000 किसानों के बैंक खातों में सीधे जमा किए जाते हैं।
  • मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना (CM-Kisan): इस योजना के तहत, राज्य सरकार 2 हेक्टेयर तक की भूमि वाले किसानों को ₹4,000 की तीन किश्तों में ₹1,333 प्रदान करती है।
  • अन्य योजनाएं: मिशन में कृषि ऋण, बीज वितरण, सिंचाई सुविधाओं, कृषि मशीनीकरण, और कृषि विपणन जैसी अन्य योजनाएं भी शामिल हैं।

मिशन के प्रमुख लाभ:

  • किसानों की आय में वृद्धि: मिशन का लक्ष्य 2024 तक किसानों की आय दोगुनी करना है।
  • कृषि उत्पादकता में वृद्धि: बेहतर तकनीकों और बुनियादी ढांचे के माध्यम से कृषि उत्पादकता में वृद्धि लाना।
  • कृषि क्षेत्र में रोजगार सृजन: कृषि-आधारित उद्योगों को बढ़ावा देकर कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करना।

मिशन की प्रगति:

  • किसानों की संख्या: 2.5 करोड़ से अधिक किसान मिशन के तहत लाभान्वित हुए हैं।
  • आर्थिक सहायता: ₹10,000 करोड़ से अधिक की आर्थिक सहायता किसानों को प्रदान की गई है।
  • कृषि उत्पादन: कृषि उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

आगे की योजनाएं:

  • मिशन का विस्तार: मिशन का दायरा और अधिक किसानों तक पहुंचाने की योजना है।
  • कृषि तकनीकों में सुधार: किसानों को बेहतर कृषि तकनीकों और बुनियादी ढांचे तक पहुंच प्रदान करना।
  • कृषि विपणन को बेहतर बनाना: किसानों को अपनी उपज के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद करना।

यूपी किसान कल्याण मिशन 2023 किसानों की आय और जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। मिशन के सफल क्रियान्वयन से उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने की उम्मीद है।

यहाँ कुछ महत्वपूर्ण वेबसाइटें हैं जो आपको यूपी किसान कल्याण मिशन 2023 के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने में मदद कर सकती हैं:

  • कृषि एवं कृषि आधारित गतिविधियों के लिए उत्तर प्रदेश कृषि विभाग: 
  • मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना: 
  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि: https://pmkisan.gov.in/

 

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) भारत सरकार की एक पहल है जो किसानों को न्यूनतम आय सहायता प्रदान करती है। इस योजना की घोषणा 1 फरवरी 2019 को अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 2019-20 के बजट में की थी।

पीएम-किसान योजना के तहत पात्र किसानों को प्रति वर्ष ₹6,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह राशि तीन समान किश्तों में ₹2,000 प्रत्येक की दर से दी जाती है।

योजना के तहत लाभार्थी किसानों की पहचान निम्नलिखित मानदंडों के आधार पर की जाती है:

  • किसान परिवार की वार्षिक आय ₹2 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • किसान के पास 2 हेक्टेयर तक की कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए।
  • किसान परिवार में पति, पत्नी और नाबालिग बच्चे शामिल हैं।

पीएम-किसान योजना के तहत आवेदन करने के लिए, किसानों को निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:

  • आधार कार्ड
  • बैंक खाता संख्या
  • कृषि भूमि का स्वामित्व प्रमाण पत्र
  • स्वयं का घोषणा पत्र

किसान पीएम-किसान पोर्टल (https://pmkisan.gov.in/) के माध्यम से ऑनलाइन या अपने नजदीकी कृषि कार्यालय में जाकर योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।

पीएम-किसान योजना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह योजना किसानों की आय में वृद्धि करने और उन्हें कृषि गतिविधियों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने में मदद करती है।

यहां पीएम-किसान योजना के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं:

  • योजना की शुरुआत 1 दिसंबर 2018 से हुई थी।
  • अब तक योजना के तहत 12 करोड़ से अधिक किसानों को लाभान्वित किया जा चुका है।
  • योजना के तहत अब तक 1.6 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि किसानों को वितरित की जा चुकी है।

योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए, किसान पीएम-किसान पोर्टल (https://pmkisan.gov.in/) पर जा सकते हैं या पीएम-किसान हेल्पलाइन नंबर 155261 पर कॉल कर सकते हैं।

 

मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना

मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना - एक व्यापक विश्लेषण

प्रस्तावना:

मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना (सीएमकेकेवाई) विभिन्न राज्यों द्वारा किसानों की आय और जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए शुरू की गई योजनाओं का एक समूह है।

उद्देश्य:

  • आय में वृद्धि: किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य।
  • कृषि उत्पादकता में वृद्धि: बेहतर तकनीकों और बुनियादी ढांचे के माध्यम से कृषि उत्पादकता में वृद्धि।
  • कृषि क्षेत्र में रोजगार सृजन: कृषि-आधारित उद्योगों को बढ़ावा देकर कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करना।

विभिन्न राज्यों की योजनाओं का तुलनात्मक विश्लेषण:


योजनाओं की प्रमुख विशेषताएं:

  • आर्थिक सहायता: किसानों को सीधे उनके बैंक खातों में धनराशि प्रदान की जाती है।
  • कृषि ऋण: किसानों को कम ब्याज दरों पर कृषि ऋण प्रदान किया जाता है।
  • बीज वितरण: किसानों को बेहतर बीजों का वितरण किया जाता है।
  • सिंचाई सुविधाएं: किसानों को सिंचाई सुविधाओं तक पहुंच प्रदान की जाती है।
  • कृषि मशीनीकरण: किसानों को कृषि मशीनरी का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
  • कृषि विपणन: किसानों को अपनी उपज के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद की जाती है।

योजनाओं की सफलता का मूल्यांकन:

  • आय में वृद्धि: योजनाओं ने किसानों की आय में कुछ हद तक वृद्धि की है।
  • कृषि उत्पादकता में वृद्धि: योजनाओं ने कृषि उत्पादकता में कुछ हद तक वृद्धि की है।
  • कृषि क्षेत्र में रोजगार सृजन: योजनाओं ने कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में कुछ हद तक वृद्धि की है।

योजनाओं की चुनौतियां:

  • भ्रष्टाचार: योजनाओं में भ्रष्टाचार एक बड़ी चुनौती है।
  • पात्रता: योजनाओं के तहत पात्र किसानों की पहचान करना एक चुनौती है।
  • बुनियादी ढांचा: योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए बुनियादी ढांचे की कमी एक चुनौती है।

निष्कर्ष:

मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजनाएं किसानों की आय और जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण पहल हैं। योजनाओं ने कुछ हद तक सफलता हासिल की है,

यहाँ कुछ महत्वपूर्ण वेबसाइटें हैं जो आपको मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने में मदद कर सकती हैं:

  • कृषि एवं कृषि आधारित गतिविधियों के लिए उत्तर प्रदेश कृषि विभाग:
  • मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना:
  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि: https://pmkisan.gov.in/

अतिरिक्त जानकारी:

यह जानकारी आपके लिए उपयोगी हो।

 

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान)

परिचय:

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) भारत सरकार की एक पहल है जो किसानों को न्यूनतम आय सहायता प्रदान करती है। इस योजना की घोषणा 1 फरवरी 2019 को अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 2019-20 के बजट में की थी।

उद्देश्य:

  • आय में वृद्धि: किसानों की आय में वृद्धि करना।
  • आर्थिक सहायता: किसानों को कृषि गतिविधियों में निवेश करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना।
  • कृषि क्षेत्र में रोजगार सृजन: कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करना।

लाभ:

  • आर्थिक सहायता: पीएम-किसान योजना के तहत पात्र किसानों को प्रति वर्ष ₹6,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
  • कृषि ऋण: किसानों को कम ब्याज दरों पर कृषि ऋण प्रदान किया जाता है।
  • बीज वितरण: किसानों को बेहतर बीजों का वितरण किया जाता है।
  • सिंचाई सुविधाएं: किसानों को सिंचाई सुविधाओं तक पहुंच प्रदान की जाती है।
  • कृषि मशीनीकरण: किसानों को कृषि मशीनरी का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
  • कृषि विपणन: किसानों को अपनी उपज के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद की जाती है।

पात्रता:

  • किसान परिवार की वार्षिक आय ₹2 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • किसान के पास 2 हेक्टेयर तक की कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए।
  • किसान परिवार में पति, पत्नी और नाबालिग बच्चे शामिल हैं।

आवेदन कैसे करें:

  • किसान पीएम-किसान पोर्टल (https://pmkisan.gov.in/) के माध्यम से ऑनलाइन या अपने नजदीकी कृषि कार्यालय में जाकर योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • आवेदन करते समय किसानों को आधार कार्ड, बैंक खाता संख्या और कृषि भूमि का स्वामित्व प्रमाण पत्र जमा करना होगा।

योजना की प्रगति:

  • योजना की शुरुआत 1 दिसंबर 2018 से हुई थी।
  • अब तक योजना के तहत 12 करोड़ से अधिक किसानों को लाभान्वित किया जा चुका है।
  • योजना के तहत अब तक 1.6 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि किसानों को वितरित की जा चुकी है।

योजना की सफलता का मूल्यांकन:

  • आय में वृद्धि: योजना ने किसानों की आय में कुछ हद तक वृद्धि की है।
  • कृषि उत्पादकता में वृद्धि: योजना ने कृषि उत्पादकता में कुछ हद तक वृद्धि की है।
  • कृषि क्षेत्र में रोजगार सृजन: योजना ने कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में कुछ हद तक वृद्धि की है।

योजना की चुनौतियां:

  • भ्रष्टाचार: योजना में भ्रष्टाचार एक बड़ी चुनौती है।
  • पात्रता: योजना के तहत पात्र किसानों की पहचान करना एक चुनौती है।
  • बुनियादी ढांचा: योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए बुनियादी ढांचे की कमी एक चुनौती है।

निष्कर्ष:

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना किसानों की आय और जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। योजना ने कुछ हद तक सफलता हासिल की है,

यहाँ कुछ महत्वपूर्ण वेबसाइटें हैं जो आपको पीएम-किसान योजना के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने में मदद कर सकती हैं:

 

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (पीएम-केएमवाई)

परिचय:

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (पीएम-केएमवाई) भारत सरकार की एक पहल है जो 60 वर्ष की आयु पार करने वाले छोटे और सीमांत किसानों को पेंशन प्रदान करती है। इस योजना की शुरुआत 12 सितंबर 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी।

उद्देश्य:

  • आर्थिक सुरक्षा: 60 वर्ष की आयु पार करने वाले किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना।
  • गरीबी में कमी: किसानों को गरीबी से बाहर निकालने में मदद करना।
  • जीवन स्तर में सुधार: किसानों के जीवन स्तर में सुधार करना।

लाभ:

  • पेंशन: पीएम-केएमवाई योजना के तहत 60 वर्ष की आयु पार करने वाले किसानों को प्रतिमाह ₹3,000 की पेंशन प्रदान की जाती है।
  • आय में वृद्धि: पेंशन किसानों की आय में वृद्धि करती है।
  • आर्थिक सुरक्षा: पेंशन किसानों को 60 वर्ष की आयु के बाद आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है।

पात्रता:

  • किसान की आयु 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  • किसान के पास 2 हेक्टेयर तक की कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए।
  • किसान भारत का नागरिक होना चाहिए।
  • किसान किसी अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभार्थी नहीं होना चाहिए।

आवेदन कैसे करें:

  • किसान पीएम-केएमवाई पोर्टल (https://pmkisan.gov.in/) के माध्यम से ऑनलाइन या अपने नजदीकी कृषि कार्यालय में जाकर योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • आवेदन करते समय किसानों को आधार कार्ड, बैंक खाता संख्या, कृषि भूमि का स्वामित्व प्रमाण पत्र और उम्र का प्रमाण जमा करना होगा।

योजना की प्रगति:

  • योजना की शुरुआत 12 सितंबर 2019 से हुई थी।
  • अब तक योजना के तहत 2.25 करोड़ से अधिक किसानों ने पंजीकरण कराया है।
  • योजना के तहत अब तक 1.5 करोड़ से अधिक किसानों को पेंशन मिल रही है।

योजना की सफलता का मूल्यांकन:

  • आर्थिक सुरक्षा: योजना ने 60 वर्ष की आयु पार करने वाले किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की है।
  • गरीबी में कमी: योजना ने किसानों को गरीबी से बाहर निकालने में मदद की है।
  • जीवन स्तर में सुधार: योजना ने किसानों के जीवन स्तर में सुधार किया है।

योजना की चुनौतियां:

  • भ्रष्टाचार: योजना में भ्रष्टाचार एक बड़ी चुनौती है।
  • पात्रता: योजना के तहत पात्र किसानों की पहचान करना एक चुनौती है।
  • जागरूकता: योजना के बारे में किसानों में जागरूकता की कमी एक चुनौती है।

निष्कर्ष:

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (पीएम-केएमवाई) 60 वर्ष की आयु पार करने वाले किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। योजना ने 60 वर्ष की आयु पार करने वाले किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की है।

यहाँ कुछ महत्वपूर्ण वेबसाइटें हैं जो आपको पीएम-केएमवाई योजना के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने में मदद कर सकती हैं:

  • पीएम-केएमवाई पोर्टल: https://pmkisan.gov.in/
  • कृषि एवं कृषि आधारित गतिविधियों के लिए उत्तर प्रदेश कृषि विभाग:

यह जानकारी आपके लिए उपयोगी हो।

 

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई)

परिचय:

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) भारत सरकार की एक पहल है जो किसानों को फसल नुकसान से होने वाले वित्तीय नुकसान से बचाने के लिए फसल बीमा प्रदान करती है। इस योजना की शुरुआत 13 जनवरी 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी।

उद्देश्य:

  • फसल नुकसान से सुरक्षा: किसानों को फसल नुकसान से होने वाले वित्तीय नुकसान से बचाना।
  • आय में वृद्धि: किसानों की आय में वृद्धि करना।
  • कृषि क्षेत्र में निवेश: कृषि क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करना।

लाभ:

  • बीमा कवरेज: योजना विभिन्न प्रकार की फसलों और विभिन्न प्रकार के जोखिमों के लिए बीमा कवरेज प्रदान करती है।
  • कम प्रीमियम: किसानों को कम प्रीमियम दरों पर बीमा कवरेज मिलता है।
  • आसानी से दावा: किसानों को आसानी से दावा करने की सुविधा मिलती है।
  • सरकारी सहायता: योजना में सरकार द्वारा सब्सिडी प्रदान की जाती है।

पात्रता:

  • किसान भारत का नागरिक होना चाहिए।
  • किसान के पास कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए।
  • किसान को योजना के तहत पंजीकृत होना चाहिए।

आवेदन कैसे करें:

  • किसान पीएमएफबीवाई पोर्टल (https://pmfby.gov.in/) के माध्यम से ऑनलाइन या अपने नजदीकी कृषि कार्यालय में जाकर योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • आवेदन करते समय किसानों को आधार कार्ड, बैंक खाता संख्या, कृषि भूमि का स्वामित्व प्रमाण पत्र और फसल की जानकारी जमा करनी होगी।

योजना की प्रगति:

  • योजना की शुरुआत 13 जनवरी 2016 से हुई थी।
  • अब तक योजना के तहत 5.5 करोड़ से अधिक किसानों ने पंजीकरण कराया है।
  • योजना के तहत अब तक 1.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का दावा भुगतान किया गया है।

योजना की सफलता का मूल्यांकन:

  • फसल नुकसान से सुरक्षा: योजना ने किसानों को फसल नुकसान से होने वाले वित्तीय नुकसान से कुछ हद तक सुरक्षा प्रदान की है।
  • आय में वृद्धि: योजना ने किसानों की आय में कुछ हद तक वृद्धि की है।
  • कृषि क्षेत्र में निवेश: योजना ने कृषि क्षेत्र में निवेश को कुछ हद तक प्रोत्साहित किया है।

योजना की चुनौतियां:

  • भ्रष्टाचार: योजना में भ्रष्टाचार एक बड़ी चुनौती है।
  • पात्रता: योजना के तहत पात्र किसानों की पहचान करना एक चुनौती है।
  • जागरूकता: योजना के बारे में किसानों में जागरूकता की कमी एक चुनौती है।

निष्कर्ष:

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) किसानों को फसल नुकसान से होने वाले वित्तीय नुकसान से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। योजना ने किसानों को कुछ हद तक सुरक्षा प्रदान की है, लेकिन योजना में सुधार की आवश्यकता है।

यहाँ कुछ महत्वपूर्ण वेबसाइटें हैं जो आपको पीएमएफबीवाई योजना के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने में मदद कर सकती हैं:

  • पीएमएफबीवाई पोर्टल: https://pmfby.gov.in/
  • कृषि एवं कृषि आधारित गतिविधियों के लिए उत्तर प्रदेश कृषि विभाग:

 

संशोधित ब्याज सहायता योजना (एमआईएसएस)

परिचय:

संशोधित ब्याज सहायता योजना (एमआईएसएस) भारत सरकार की एक पहल है जो किसानों को कम ब्याज दरों पर ऋण प्राप्त करने में मदद करती है। इस योजना की शुरुआत 2018-19 में की गई थी।

उद्देश्य:

  • कम ब्याज दरों पर ऋण: किसानों को कम ब्याज दरों पर ऋण प्रदान करना।
  • कृषि क्षेत्र में निवेश: कृषि क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करना।
  • कृषि उत्पादकता में वृद्धि: कृषि उत्पादकता में वृद्धि करना।

लाभ:

  • कम ब्याज दर: किसानों को 4% प्रति वर्ष की ब्याज दर पर ऋण प्राप्त होता है।
  • ऋण की अवधि: किसान 5 वर्ष तक की अवधि के लिए ऋण प्राप्त कर सकते हैं।
  • ऋण की राशि: किसान अपनी कृषि आवश्यकताओं के अनुसार ऋण प्राप्त कर सकते हैं।

पात्रता:

  • किसान भारत का नागरिक होना चाहिए।
  • किसान के पास कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए।
  • किसान को किसी अन्य बैंक से ऋण नहीं लेना चाहिए।

आवेदन कैसे करें:

  • किसान एमआईएसएस पोर्टल ([[अमान्य यूआरएल हटाया गया]]([अमान्य यूआरएल हटाया गया])) के माध्यम से ऑनलाइन या अपने नजदीकी बैंक में जाकर योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • आवेदन करते समय किसानों को आधार कार्ड, बैंक खाता संख्या, कृषि भूमि का स्वामित्व प्रमाण पत्र और आय प्रमाण पत्र जमा करना होगा।

योजना की प्रगति:

  • योजना की शुरुआत 2018-19 में हुई थी।
  • अब तक योजना के तहत 3 करोड़ से अधिक किसानों ने ऋण प्राप्त किया है।
  • योजना के तहत अब तक 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण वितरित किया गया है।

योजना की सफलता का मूल्यांकन:

  • कम ब्याज दरों पर ऋण: योजना ने किसानों को कम ब्याज दरों पर ऋण प्राप्त करने में मदद की है।
  • कृषि क्षेत्र में निवेश: योजना ने कृषि क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित किया है।
  • कृषि उत्पादकता में वृद्धि: योजना ने कृषि उत्पादकता में वृद्धि की है।

योजना की चुनौतियां:

  • भ्रष्टाचार: योजना में भ्रष्टाचार एक बड़ी चुनौती है।
  • पात्रता: योजना के तहत पात्र किसानों की पहचान करना एक चुनौती है।
  • जागरूकता: योजना के बारे में किसानों में जागरूकता की कमी एक चुनौती है।

निष्कर्ष:

संशोधित ब्याज सहायता योजना (एमआईएसएस) किसानों को कम ब्याज दरों पर ऋण प्राप्त करने में मदद करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। योजना ने किसानों को कम ब्याज दरों पर ऋण प्राप्त करने, कृषि क्षेत्र में निवेश करने और कृषि उत्पादकता में वृद्धि करने में मदद की है।

यहाँ कुछ महत्वपूर्ण वेबसाइटें हैं जो आपको एमआईएसएस योजना के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने में मदद कर सकती हैं:

  • एमआईएसएस पोर्टल:
  • कृषि एवं कृषि आधारित गतिविधियों के लिए उत्तर प्रदेश कृषि विभाग:
  • किसान क्रेडिट कार्ड (KCC):

यह जानकारी आपके लिए उपयोगी हो।

अतिरिक्त जानकारी:

 

 कृषि अवसंरचना निधि (एआईएफ)

परिचय:

कृषि अवसंरचना निधि (एआईएफ) भारत सरकार की एक पहल है जो कृषि क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस योजना की शुरुआत 10 जुलाई 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी।

उद्देश्य:

  • कृषि अवसंरचना का विकास: कृषि क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास को गति देना।
  • कृषि उत्पादकता में वृद्धि: कृषि उत्पादकता में वृद्धि करना।
  • किसानों की आय में वृद्धि: किसानों की आय में वृद्धि करना।

लाभ:

  • वित्तीय सहायता: योजना कृषि अवसंरचना परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
  • ऋण की अवधि: किसान 15 वर्ष तक की अवधि के लिए ऋण प्राप्त कर सकते हैं।
  • ब्याज दर: ऋण पर ब्याज दर 4% प्रति वर्ष है।

पात्रता:

  • किसान, किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), कृषि उद्यमी, स्टार्ट-अप, सहकारी समितियां आदि योजना के तहत लाभार्थी हो सकते हैं।
  • परियोजना व्यवहार्य और आर्थिक रूप से व्यवहार्य होनी चाहिए।

आवेदन कैसे करें:

  • किसान एआईएफ पोर्टल (https://agriinfra.dac.gov.in/) के माध्यम से ऑनलाइन या अपने नजदीकी बैंक में जाकर योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • आवेदन करते समय किसानों को आधार कार्ड, बैंक खाता संख्या, कृषि भूमि का स्वामित्व प्रमाण पत्र, परियोजना रिपोर्ट और आय प्रमाण पत्र जमा करना होगा।

योजना की प्रगति:

  • योजना की शुरुआत 10 जुलाई 2020 को हुई थी।
  • अब तक योजना के तहत 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
  • योजना के तहत अब तक 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण वितरित किया गया है।

योजना की सफलता का मूल्यांकन:

  • कृषि अवसंरचना का विकास: योजना ने कृषि क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास को गति दी है।
  • कृषि उत्पादकता में वृद्धि: योजना ने कृषि उत्पादकता में वृद्धि की है।
  • किसानों की आय में वृद्धि: योजना ने किसानों की आय में वृद्धि की है।

योजना की चुनौतियां:

  • भ्रष्टाचार: योजना में भ्रष्टाचार एक बड़ी चुनौती है।
  • पात्रता: योजना के तहत पात्र लाभार्थियों की पहचान करना एक चुनौती है।
  • जागरूकता: योजना के बारे में लाभार्थियों में जागरूकता की कमी एक चुनौती है।

निष्कर्ष:

कृषि अवसंरचना निधि (एआईएफ) कृषि क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। योजना ने कृषि क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास, कृषि उत्पादकता में वृद्धि और किसानों की आय में वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

यहाँ कुछ महत्वपूर्ण वेबसाइटें हैं जो आपको एआईएफ योजना के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने में मदद कर सकती हैं:

  • एआईएफ पोर्टल: https://agriinfra.dac.gov.in/
  • कृषि एवं कृषि आधारित गतिविधियों के लिए उत्तर प्रदेश कृषि विभाग:
  • किसान क्रेडिट कार्ड (KCC):

**यह जानकारी आपके लिए उपयोगी हो।

 

राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (एनबीएचएम)

परिचय:

राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (एनबीएचएम) भारत सरकार की एक पहल है जो वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन के समग्र प्रचार और विकास और "मीठी क्रांति" के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शुरू की गई है।

उद्देश्य:

  • मधुमक्खी पालन: वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देना।
  • शहद उत्पादन: शहद उत्पादन में वृद्धि करना।
  • किसानों की आय में वृद्धि: किसानों की आय में वृद्धि करना।

लाभ:

  • प्रशिक्षण: मधुमक्खी पालन के बारे में किसानों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
  • वित्तीय सहायता: मधुमक्खी पालन के लिए किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
  • बाजार: किसानों को अपने उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराया जाता है।

पात्रता:

  • किसान जो मधुमक्खी पालन में रुचि रखते हैं वे योजना के तहत लाभार्थी हो सकते हैं।
  • किसानों को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा।
  • किसानों के पास मधुमक्खी पालन के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा होना चाहिए।

आवेदन कैसे करें:

  • किसान एनबीएचएम पोर्टल (https://nhb.gov.in/) के माध्यम से ऑनलाइन या अपने नजदीकी कृषि कार्यालय में जाकर योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं।
  • आवेदन करते समय किसानों को आधार कार्ड, बैंक खाता संख्या, कृषि भूमि का स्वामित्व प्रमाण पत्र और आय प्रमाण पत्र जमा करना होगा।

योजना की प्रगति:

  • योजना की शुरुआत 2020 में हुई थी।
  • अब तक योजना के तहत 10 लाख से अधिक किसानों को प्रशिक्षित किया गया है।
  • योजना के तहत अब तक 1000 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।

योजना की सफलता का मूल्यांकन:

  • मधुमक्खी पालन: योजना ने वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दिया है।
  • शहद उत्पादन: योजना ने शहद उत्पादन में वृद्धि की है।
  • किसानों की आय में वृद्धि: योजना ने किसानों की आय में वृद्धि की है।

योजना की चुनौतियां:

  • भ्रष्टाचार: योजना में भ्रष्टाचार एक बड़ी चुनौती है।
  • पात्रता: योजना के तहत पात्र लाभार्थियों की पहचान करना एक चुनौती है।
  • जागरूकता: योजना के बारे में लाभार्थियों में जागरूकता की कमी एक चुनौती है।

निष्कर्ष:

राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (एनबीएचएम) मधुमक्खी पालन और शहद उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। योजना ने वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दिया है, शहद उत्पादन में वृद्धि की है और किसानों की आय में वृद्धि की है।

यहाँ कुछ महत्वपूर्ण वेबसाइटें हैं जो आपको एनबीएचएम योजना के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने में मदद कर सकती हैं:

  • एनबीएचएम पोर्टल: https://nhb.gov.in/
  • कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय:
  • किसान क्रेडिट कार्ड (KCC):

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Thursday 3 August 2023

Sebi-Sahara Refund Online Application Form 2023

















































Sebi Sahara Refund Application form 2023









































































































































Sebi-Sahara Refund Online Application Form 2023

सार (Summary)

सहारा समूह की सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं द्वारा दावे प्रस्तुत करने के लिए
Sahara Refund Portal (सहारारिफंड पोर्टल ) Launched किया गया है। रुपये की Return 
Process निवेशकों को 5,000 करोड़ रुपये देने की शुरुआत हो चुकी है।

 

Sahara Cooperative Societies के निवेशकों को घोटाले के कारण फंसा पैसा वापस
मिलने वाला है।सहारा समूह की सहकारी समितियों के Genuine Depositors द्वारा दावे प्रस्तुत
करने  के लिए सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च किया गया है। रुपये की वापसी प्रक्रिया निवेशकों को
5,000 करोड़ रुपये देने की शुरुआत हो चुकी है।
 

  सहारा सहकारी समितियों में निम्नलिखित शामिल हैं-

 
सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड
(Sahara Credit Cooperative Society Limited)
सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसायटी लिमिटेड
(Saharan Universal Multipurpose Society Limited)
हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड 
(Hamara India Credit Cooperative Society Limited)
स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड। 
(Stars Multipurpose Cooperative Society Limited)

 

सहारा जमाकर्ताओं को पहले भुगतान के रूप में कितना पैसा मिलेगा?

(How much money will Sahara depositors get as first payment ?)   

प्रेस सूचना ब्यूरो की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस पोर्टल के माध्यम से एक करोड़ रुपये तक का पहला भुगतान किया जाएगा। 

 

 सहारा रिफंड पोर्टल कैसे काम करता है? 

(How does Sahara Refund Portal work?)

 

 प्रक्रिया के लिए दो प्रमुख शर्तें हैं: पहला, निवेशक का Aadhaar Card उनके Mobile Number से Connected होना चाहिए; दूसरा, इसे उनके Bank Account से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने निवेशकों को बताया कि पैसा 45 दिनों के भीतर निवेशकों के बैंक खातों में डाल दिया जाएगा।अपनी Identity की गारंटी के लिए, जमाकर्ताओं के आधार कार्ड मान्य होंगे। वास्तविक जमाकर्ताओं को Payment उनके Online Claims दाखिल करने के 45 दिनों के भीतर, Amount  की Availability के अधीन, उनके Bank Account में Deposit कर दिया जाएगा और उन्हें SMS or Portal के माध्यम से Status की जानकारी दी जाएगी। उनके Claims और Upload किए गए Documents को नियुक्त सोसायटी, ऑडिटर और ओएसडी द्वारा सत्यापित किया गया है। अपने दावे और जमा की पुष्टि के रूप में, सोसायटी के वास्तविक जमाकर्ताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया जाता है कि उनके पास एक Bank Account और एक Mobile Number है जो दोनों उनके आधार से Connected होने चाहिये हैं।

 

 सीआरसीएस सहारा रिफंड पोर्टल पर दावा दायर करने के लिए पात्रता मानदंड क्या है? 

 (What is the eligibility criteria to file a claim on CRCS Sahara Refund Portal?)

 Calims Request दाखिल करने के लिए Depositors को निम्नलिखित Dates से पहले Submit करना होगा और बकाया राशि प्राप्त करनी होगी: 

सहारा  इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, कोलकाता के लिए 22 मार्च 2022सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, लखनऊ, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, भोपाल और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, हैदराबाद के लिए 29 मार्च 2023

 

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यूपी किसान कल्याण मिशन

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि

मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (पीएम-केएमवाई)

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई)    

संशोधित ब्याज सहायता योजना (एमआईएसएस)

 कृषि अवसंरचना निधि (एआईएफ)

राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (एनबीएचएम)

 

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